B.Ed vs BTC New Update: बीएड छात्रों के लिए आई एक और बड़ी खबर सरकार ला सकती है अध्यादेश 22000 शिक्षकों पर मंडराया खतरा
B.ed और बीटीसी केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में काफी लंबे वक्त से चल रही थी 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला B.Ed के खिलाफ आने के बाद B.Ed और बीटीसी के अभ्यर्थियों के बीच संग्राम मच गया है अब B.ed और बीटीसी केस को लेकर एक और बड़ी अपडेट सामने आ रही है अगर ऐसा होता है तो B.ed और बीटीसी केस का नुकसान 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों पर सीधा पड़ेगा B.Ed के छात्र लगातार सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि सरकार अध्यादेश लाकर बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करें
B.Ed के 22000 शिक्षकों पर मंडराया खतरा
सुप्रीम कोर्ट का फैसला B.Ed के खिलाफ आने के बाद एक और संग्राम उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है जिसमें इस समय 22000 शिक्षकों पर सीधा सीधा खतरा मनाता हुआ दिखाई दे रहा है उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन करवाते समय बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किया था इसके साथ ही सरकार ने बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करते वक्त यह भी कहा था कि B.Ed के जिन अभ्यर्थियों की नौकरी लगेगी उनको ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा लेकिन नौकरी करते हुए विद्यार्थियों को 3 वर्ष होने वाले हैं लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किसी भी बीएड अभ्यर्थी को ब्रिज कोर्स नहीं करवाया गया जिससे अब B.Ed के 22000 शिक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर पड़ सकता है
B.ed बीटीसी केस को लेकर TV9 उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने जब यह सवाल शिक्षामित्र की पैरवी करने वाले त्रिभुवन सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल बीएड अभ्यर्थियों को अभी तक ब्रिज कोर्स नहीं करवाया जिससे कि अब उनकी नौकरी पर भी सीधा सीधा खतरा मंडराने लगा है अगर 22000 शिक्षकों को देखा जाए तो यह शिक्षक 2018 एनसीटीई के गजट नोटिफिकेशन जारी करने के बाद नियुक्त किए गए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2018 गजट को ही पूरी तरह निरस्त कर दिया है जिससे अब सीधा सीधा 22000 बीएड शिक्षकों पर असर पड़ सकता है
बीएड अभ्यर्थियों के लिए सरकार ला सकती है अध्यादेश
जबसे सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर किया है तब से छात्र लगातार सोशल मीडिया तथा विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें लगातार छात्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि सरकार अध्यादेश लाकर बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करें लेकिन जब TV9 उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने यह सवाल त्रिभुवन सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा सरकार अगर ऐसा करती है तो सरकार को शिक्षामित्रों के लिए अनुदेशकों के लिए तथा उत्तर प्रदेश के तदर्थ शिक्षकों के लिए भी अध्यादेश लाना होगा जोकि संभव नजर नहीं आता !
एनसीटीई अध्यक्ष योगेश सिंह ने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर कहीं बड़ी बात
B.Ed बीटीसी केस को लेकर जब ज़ी न्यूज़ के पत्रकार ने NCTE के अध्यक्ष योगेश सिंह से B.Ed को प्राथमिक भर्ती में शामिल को लेकर सवाल पूछा तो योगेश सिंह ने बताया कि B.Ed की योग्यता प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए पूरी नहीं होती B.Ed डिग्री उच्च प्राथमिक तथा टीजीटी पीजीटी में शिक्षक बनने के लिए प्रदान की जाती है इसके साथ ही उन्होंने एक और बड़ी बात कहते हुए बीएड अभ्यर्थियों को लेकर कहीं जिसने उन्होंने कहा कि कोई भी डिग्री या डिप्लोमा वाला सभी शिक्षा के फॉर्मेट में पढ़ाने के योग्य नहीं हो जाता यह जरूरी नहीं कि बीएड अभ्यर्थी प्राथमिक से लेकर उचित सभी जगह पर आ सकते हैं उन्होंने कहा हर एक स्तर को पढ़ाने के लिए अलग-अलग फॉर्मेट तैयार किए गए हैं
बीएड अभ्यर्थियों को लेकर बंगाल शिक्षा विभाग का नया नोटिस
B.Ed बीटीसी केस का फैसला सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आने के बाद 14 अगस्त को बंगाल शिक्षा विभाग की तरफ से एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें उन्होंने वेस्ट बंगाल में पढ़ाने वाली प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल बीएड डिग्री धारक शिक्षकों का देवराज उठाना शुरू कर दिया वेस्ट बंगाल शिक्षा विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी करके वेस्ट बंगाल में B.Ed डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षकों की लिस्ट मांग ली गई है यह लिस्ट ऐसे शिक्षकों की है जिन्होंने वेस्ट बंगाल शिक्षा विभाग में B.Ed के माध्यम से नौकरी पाई थी और अभी तक ब्रिज कोर्स नहीं किया
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