BEd vs BTC 2023: बीएड और बीटीसी मामले को लेकर शिक्षा मित्रों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक बड़ी याचिका
BEd vs BTC 2023 सुप्रीम कोर्ट ने बीएड व बीटीसी मामले का फैसला 11 अगस्त 2023 को 46 पन्नों की जजमेंट में जारी कर दिया था सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह बीएड व बीटीसी मामले को लेकर अंतिम फैसला था यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में 12 जनवरी 2023 को रिजर्व किया गया था और इस फैसले को 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है लेकिन इसी बीच बीएड और बीटीसी मामले को लेकर एक और बड़ा विवाद सामने आ गया है इस समय शिक्षामित्रों ने इस विवाद में नई एंट्री मार दी है आज हम सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों की तरफ से दाखिल याचिका के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं इससे बीएड और बीटीसी को क्या लाभ होगा और कौन इससे प्रभावित होगा इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी यहां पर दी गई है
BEd vs BTC 2023 बीएड और बीटीसी विवाद के बीच में सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों ने एक नई याचिका दाखिल की है इस याचिका में शिक्षामित्रों ने 304 पेज का मिसलेनियस एप्लीकेशन फाइल किया है और सुप्रीम कोर्ट से उन्होंने यह मांग भी की है कि इस याचिका को ध्यान पूर्वक पढ़ा जाए और हमारी मांगों को ध्यान पूर्वक समझा जाए इसके साथ ही उन्होंने 69000 शिक्षक भर्ती में 40 और 45% मानक लगाते हुए उन्हें भी नियुक्ति प्रदान की जाए क्योंकि शिक्षामित्रों ने दाखिल अपनी याचिका में बताया है कि 40 और 45% कटऑफ में 32629 शिक्षामित्र बात है जोकि राज्य सरकार की तरफ से की गई 68500 भर्ती में यही कटऑफ निर्धारित किया गया था लेकिन 69000 शिक्षक भर्ती में नया कटऑफ जारी किया गया जिस वजह से 32629 शिक्षामित्र इस भर्ती में शामिल होने से वंचित हो गए ऐसे में शिक्षामित्रों के हितों को सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट शिक्षा मित्रों के हित में एक और नया फैसला दे
बीएड अभ्यर्थियों को लगेगा तगड़ा झटका
BEd vs BTC 2023 सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों की तरफ से दाखिल 304 पेट के मिसलेनियस एप्लीकेशन फाइल में साफ शब्दों में कहा गया है कि बीएड अभ्यर्थियों को 69000 शिक्षक भर्ती में 2018 के एनसीटीई के गजट के आधार पर शामिल किया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के एनसीटीई के गजट को ही पूरी तरह निरस्त कर दिया है ऐसे में देश भर में तथा उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती में शामिल बीएड अभ्यर्थी भी प्रभावित होने चाहिए इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता है इसकी तिथियों का ऐलान जल्द किया जाएगा लेकिन अगर शिक्षामित्रों की मांगों को माना जाता है तो 69000 शिक्षक भर्ती में एक बार फिर से बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है क्योंकि 69000 शिक्षक भर्ती में 30,000 से ज्यादा बीएड अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होकर इस समय नौकरी कर रहे हैं
BEd vs BTC 2023 शिक्षामित्रों की तरफ से दाखिल इस याचिका में साफ शब्दों में यह कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का दिशानिर्देश जो जारी किया गया है उस दिशानिर्देश के आधार पर 2019 में उत्तर प्रदेश राज्य में 69000 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था जिसके भर्ती के विज्ञापन के बाद राज्य सरकार की तरफ से 90 और 97 नंबर का कटऑफ निर्धारित किया गया था लेकिन उससे पहले की जो भर्तियां उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कराई गई जिसमें cut off सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए 45% तथा रिजर्वेशन वाले अभ्यर्थियों के लिए 40% निर्धारित किया गया था ऐसे में सुप्रीम कोर्ट अपने दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक नया निर्णय सुनाए
बीएड और बीटीसी को लेकर क्या है ताजा अपडेट
B.ed और बीटीसी मामले का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को 46 पन्नों के जजमेंट के रूप में सुना दिया जिसमें बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने से साफ मना कर दिया इसके बाद एनसीपी की तरफ से भी एक खबर सभी राज्यों को दी गई और उन्होंने बताया कि सभी राज्यों में अब B.Ed भर्ती प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं है इसीलिए सुप्रीम कोर्ट में केस केंद्रीय विद्यालय संगठन में शामिल बीएड अभ्यर्थियों के लिए चुना गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से साफ शब्दों में कहा गया कि जो फैसला 11 अगस्त को सुनाया गया है
उसी फैसले के आधार पर अब बीएड को प्राथमिक में शामिल नहीं किया जा सकता अब केवल प्राथमिक के लिए डीएलएड अभ्यर्थी पात्र होंगे इसी कड़ी में बिहार शिक्षा विभाग की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का दिशानिर्देश जारी कर दिया गया क्योंकि बिहार शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में यह मांग की थी कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल न किया जाए और बिहार सरकार की तरफ से कोई पार्टी ना होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में यह कहा कि 11 अगस्त का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था वह पूरी तरह से पूरे देश में लागू होगा यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के B.Ed बीटीसी मामले को लेकर सुनाया था लेकिन साफ शब्दों में सुप्रीम कोर्ट ने यह बता दिया कि यह फैसला केवल राजस्थान में नहीं बल्कि पूरे देश में एक साथ लागू किया जाए
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