CTET New Rule Latest News 2025 केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत अब यह परीक्षा तीन पेपर के प्रारूप में आयोजित की जाएगी। यह खबर उन लाखों अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण है जो शिक्षक बनने के सपने को साकार करने के लिए इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में पहले केवल दो पेपर होते थे, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत तीसरे पेपर को शामिल करने की योजना है। आइए, इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि यह अभ्यर्थियों के लिए क्या मायने रखता है।
सीटेट में पहले क्या था?
अभी तक सीटेट परीक्षा दो स्तरों पर आयोजित की जाती थी:
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पेपर I: यह प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 तक) के शिक्षकों के लिए होता है। इसमें बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा I और II, गणित, और पर्यावरण अध्ययन जैसे विषय शामिल होते हैं।
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पेपर II: यह उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 तक) के शिक्षकों के लिए होता है। इसमें बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा I और II, के साथ-साथ गणित-विज्ञान या सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान जैसे वैकल्पिक विषय होते हैं।
अब तक यह व्यवस्था शिक्षकों की पात्रता को दो अलग-अलग स्तरों पर जांचने के लिए पर्याप्त मानी जाती थी। हालांकि, शिक्षा के क्षेत्र में बदलते परिदृश्य और शिक्षकों की विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तीसरे पेपर को जोड़ने का फैसला लिया गया है।
तीसरा पेपर: नई व्यवस्था क्या है?
ताजा अपडेट के अनुसार, सीटेट में अब तीसरा पेपर शामिल किया जाएगा, जो संभवतः विशेष शिक्षा (Special Education) या अन्य विशिष्ट क्षेत्रों पर केंद्रित हो सकता है। हालांकि, CBSE ने अभी तक तीसरे पेपर के सटीक पाठ्यक्रम और उद्देश्य की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि यह बदलाव शिक्षकों की योग्यता को और व्यापक बनाने के लिए किया जा रहा है। संभावना है कि तीसरा पेपर उन उम्मीदवारों के लिए होगा जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों (Children with Special Needs) को पढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं या किसी खास विषय में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं।
यह बदलाव क्यों जरूरी है?
शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) को बढ़ावा देने के लिए सरकार और शिक्षा बोर्ड लगातार प्रयास कर रहे हैं। विशेष जरूरतों वाले बच्चों की शिक्षा में कुशल शिक्षकों की कमी को देखते हुए तीसरे पेपर का विचार सामने आया है। इसके अलावा, बदलते समय के साथ शिक्षण विधियों में तकनीक और नवाचार को शामिल करने की जरूरत भी बढ़ी है। ऐसे में तीसरा पेपर शिक्षकों को इन नए क्षेत्रों में दक्ष बनाने में मदद कर सकता है।
अभ्यर्थियों पर क्या होगा असर?
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तैयारी में बदलाव: अब तक दो पेपर की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को तीसरे पेपर के लिए भी रणनीति बनानी होगी। इससे उनकी पढ़ाई का दायरा बढ़ सकता है।
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अधिक अवसर: तीसरे पेपर के जरिए विशेष क्षेत्रों में योग्यता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों के लिए सरकारी और निजी स्कूलों में नौकरी के नए रास्ते खुल सकते हैं।
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समय और मेहनत: परीक्षा के प्रारूप में बदलाव से अभ्यर्थियों को अतिरिक्त समय और मेहनत की जरूरत होगी, खासकर तब जब तीसरे पेपर का पाठ्यक्रम व्यापक होगा।
ताजा अपडेट और संभावित समयसीमा
हालांकि अभी तक CBSE ने इस बदलाव को लागू करने की आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि यह व्यवस्था 2025 के जुलाई सत्र से प्रभावी हो सकती है। सीटेट की अधिसूचना आमतौर पर परीक्षा से कुछ महीने पहले जारी की जाती है, इसलिए अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट (ctet.nic.in) पर नजर रखें। संभावना है कि मार्च-अप्रैल 2025 में जारी होने वाली अधिसूचना में तीसरे पेपर की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
अभ्यर्थियों के लिए सुझाव
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ताजा जानकारी पर नजर: CBSE की आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें और अफवाहों से बचें।
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तैयारी शुरू करें: अगर आप विशेष शिक्षा या किसी विशिष्ट क्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो उसकी बुनियादी पढ़ाई शुरू कर दें।
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पुराने पेपर का अभ्यास: पेपर I और II की तैयारी को मजबूत रखें, क्योंकि ये अभी भी मुख्य आधार रहेंगे।
निष्कर्ष
सीटेट में तीन पेपर की व्यवस्था एक स्वागत योग्य कदम हो सकता है, जो शिक्षकों की गुणवत्ता और शिक्षा के स्तर को बेहतर करने में मदद करेगा। यह बदलाव न केवल अभ्यर्थियों के लिए नई चुनौतियां लाएगा, बल्कि उन्हें अपने करियर को और विविध बनाने का मौका भी देगा। जैसे ही इस पर कोई आधिकारिक अपडेट आएगा, अभ्यर्थियों को तुरंत सूचित किया जाएगा। तब तक, अपनी तैयारी जारी रखें और इस नए बदलाव के लिए तैयार रहें।
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